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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
This classification highlights her benevolent and nurturing factors, contrasting While using the intense and moderate-intense natured goddesses in the team.
A unique aspect on the temple is souls from any faith can and do provide puja to Sri Maa. Uniquely, the temple administration comprises a board of devotees from several religions and cultures.
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे
Her beauty is actually a gateway to spiritual awakening, generating her an object of meditation and veneration for people trying to get to transcend worldly desires.
हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
Hadi mantras are noted for their electrical power to purify and are typically utilized for cleansing rituals and website preparatory practices.